पैसिव फंड क्या होते हैं
इंडेक्स को ट्रैक करने वाले पासिव फंड कैसे काम करते हैं, किन परिस्थितियों में यह उपयोगी हैं और इनके मुख्य फायदे व सीमाएँ।
बुधवार, 20 अप्रैल 2022

पासिव फंड (जैसे ETF या इंडेक्स फंड) किसी संदर्भ सूचकांक को यथासंभव सटीक तौर पर दोहराने की कोशिश करते हैं। वे सक्रिय प्रबंधक पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि सूचकांक में शामिल सभी या प्रतिनिधि प्रतिभूतियों को पूर्वनिर्धारित अनुपात में खरीदते हैं।
प्रमुख फायदे
- कम शुल्क: पोर्टफोलियो का निर्माण ऑटोमैटिक होने से प्रबंधन शुल्क और टर्नओवर लागत सामान्यतः सक्रिय फंड के मुकाबले कम रहती है।
- पारदर्शिता: निवेशक को यह पता होता है कि फंड किस इंडेक्स को फॉलो कर रहा है और उसमें कौन से सेक्टर/देश शामिल हैं।
- मार्केट-नीट्रल प्रदर्शन: लंबे समय में अधिकांश सक्रिय प्रबंधक इंडेक्स को हराने में कठिनाई महसूस करते हैं; पासिव फंड कम लागत पर वही बाजार रिटर्न उपलब्ध करा देते हैं।
सीमाएँ
- बाजार गिरावट: इंडेक्स गिरने पर फंड भी उतना ही नीचे आएगा, क्योंकि मैनेजर के पास सुरक्षा (hedge) का विवेकाधिकार नहीं होता।
- सूचकांक का चुनाव: सभी इंडेक्स समान नहीं; कुछ बहुत केंद्रित (concentrated) होते हैं। इसलिए परिसंपत्ति आवंटन करते समय इंडेक्स का निर्माण सिद्धांत समझें।
किसके लिये उपयुक्त?
दीर्घकालिक अनुशासित निवेशक जो लागत पर नियंत्रण रखते हुए बाजार के औसत प्रतिफल को स्वीकार करते हैं। Wallible में आप ETF पोर्टफोलियो की विभिन्न जोड़ियों का बैकटेस्ट कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सा सूचकांक आपके लक्ष्य, समय-सीमा और जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुरूप है।