बॉन्ड की कीमतें और प्रदर्शन
बॉन्ड की कीमतें क्यों बदलती हैं, यील्ड के साथ उनका विपरीत संबंध और पोर्टफोलियो पर प्रभाव।
शुक्रवार, 20 मई 2022
मूल्य और यील्ड का संबंध
जब ब्याज़ दरें घटती हैं तो मौजूदा बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं क्योंकि वे अधिक कूपन भुगतान देते हैं। विपरीत स्थिति में दरें बढ़ें तो कीमतें गिरती हैं।
अवधि (Duration)
ड्यूरेशन मापता है कि दरों में 1% बदलाव से बॉन्ड की कीमत लगभग कितना बदल सकती है। लंबी ड्यूरेशन = उच्च संवेदनशीलता।
क्रेडिट जोखिम
सरकारी बनाम कॉर्पोरेट बॉन्ड; कम रेटिंग वाले बॉन्ड उच्च यील्ड देते हैं पर डिफ़ॉल्ट जोखिम भी अधिक है।
पोर्टफोलियो में भूमिका
- आय का स्थिर स्रोत प्रदान करना।
- इक्विटी के मुकाबले डाइवर्सिफिकेशन—हालाँकि अत्यधिक दर वृद्धि की अवधि में यह सहसंबंध बदल सकता है।
- वित्तीय लक्ष्यों (जैसे 5-वर्ष बाद घर खरीद) से मेल खाने के लिये मैच्योरिटी चुनना।
Rate hikes के वातावरण में बॉन्ड की मूल्य अस्थिरता को समझना निवेशक को बेहतर पुनर्संतुलन निर्णय लेने में मदद करता है।